विराम चिन्ह – आज इस आर्टिकल में हम हिंदी के महत्वपूर्ण टॉपिक विराम चिन्ह के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि “विराम चिन्ह क्या है और विराम चिन्ह कितने प्रकार के होते हैं”।
यह टॉपिक परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है और इस टॉपिक में से कई सवाल प्रतियोगिता प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे जाते हैं तो इस आर्टिकल में हम उदाहरण सहित आपको विराम चिन्ह के बारे में समझाने की कोशिश करेंगे।
विराम चिन्ह क्या है? जाने इसके प्रकार उदाहरण व परिभाषा सहित
विराम चिन्ह क्या है? की परिभाषा
विराम का शाब्दिक अर्थ है – रुकना/ ठहराव।
वाक्य को लिखते अथवा बोलते समय बीच में कहीं-कहीं थोड़ा रुकना पड़ता है जिससे भाषा, अर्थवान ,स्पष्ट और भावपूर्ण हो जाती है।लिखित भाषा में इस ठहराव को ही विराम कहते हैं तथा इसको स्पष्ट करने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग किया जाता है उन्हें विराम चिन्ह कहते हैं।जैसे-
- रोको मत जाने दो।
- रोको, मत जाने दो।
- रोको मत, जाने दो।
उक्त उदाहरण में आप देख सकते हैं कि तीनों सब देखी है लेकिन विराम चिन्ह के प्रयोग से इन सभी के अर्थ अलग-अलग निकल रहे हैं।
विराम चिन्ह के प्रकार
विराम चिन्ह के महत्वपूर्ण प्रकार निम्न है। आप इन्हें यहा टेबल की सहायता से समझ सकते हैं, आगे इन्हें उदाहरण व परिभाषा सहित विस्तार से समझाया गया है।
क्रम संख्या | विराम चिन्ह का नाम | विराम चिन्ह |
1 | पूर्ण विराम | । |
2 | अल्प विराम | , |
3 | अर्द्ध विराम | ; |
4 | प्रश्नवाचक चिन्ह | ? |
5 | विस्मयसूचक चिन्ह | ! |
6 | उद्वरण चिन्ह | ‘ ‘ / ” “ |
7 | योजक चिन्ह | – |
8 | निर्देशक चिन्ह | _ |
9 | कोष्ठक चिन्ह | () |
10 | हंसपद (त्रुटिबोधक) | ^ |
11 | रेखांकन चिन्ह | _ |
12 | लाघव चिन्ह | ° |
13 | लोप चिन्ह | ….. |
14 | अपूर्ण विराम | : |
15 | विवरण चिन्ह | :- |
16 | तुल्यता सूचक चिन्ह | = |
17 | समाप्ति चिन्ह | ××× |
18 | विकल्प चिन्ह | / |
19 | पुनरुक्ति चिन्ह | “ |
पूर्ण विराम (।)
इस चिन्ह का प्रयोग प्रश्न सूचक और विस्मयसूचक वाक्य को छोड़कर बाकी सभी के अंत में किया जाता है।जैसे-
- विजय पुस्तक पढ़ता है।
- कृष्ण बांसुरी बजाता है।
विशेष – जब किसी दोहा, श्लोक और चौपाई को लिखते हैं तो उनकी पहली पंक्ति के अंत में एक । तथा दूसरी पंक्ति या अंतिम पंक्ति के अंत में दोहरे ।। का प्रयोग करते हैं। जैसे-
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
अल्प विराम ( , )
जब किसी बात के मैं थोड़े समय के लिए विराम दिया जाता है अर्थात अर्धविराम की तुलना में कम देर तक रुकना पड़े तो अल्पविराम का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण - पाप और पुण्य, सच और झूठ, सुख और दुख।
अल्पविराम का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है।
१.एक ही प्रकार के कई शब्दों का प्रयोग होने पर।
जैसे- रमेश अपनी संपत्ति, भूमि प्रतिष्ठा और मान मर्यादा सब खो बैठा।
२.वाक्य का उत्तर हां अथवा नहीं मैं देने पर । हां अथवा नहीं के बाद।
जैसे- हां,मैं जा सकता हूं। नहीं, मैं नहीं कर सकता।
३.वाक्यांश/ उपवाक्य को अलग करने के लिए
जैसे- हिंदी का पाठ्यक्रम बदलने से, मैं समझता हूं, परीक्षा परिणाम प्रभावित हो सकता है।
४. कभी-कभी संबोधन सूचक शब्दों के बाद भी अल्पविराम का प्रयोग करते हैं।
जैसे – मोहन, तुम इधर आओ।
५. शब्द युग्मों में अलगाव दिखाने के लिए-
जैसे – सुख और दुख,जीवन और मरण, लाभ और हानि।
६. पत्रों में अभिवादन और समापन में
जैसे- पूज्य पिताजी, आदरणीय भ्राता, भवदीय, आदि
अर्द्ध विराम ( ; )
जब किसी वाक्य में। से कम और अल्पविराम से ज्यादा रुकना पड़े तो अर्द्ध विराम का प्रयोग किया जाता है। जैसे –
उदाहरण - फलों में आम को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है ; किंतु श्रीनगर के सेब भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
प्रश्नवाचक चिन्ह ?
प्रश्नवाचक चिन्ह का प्रयोग किसी वाक्य के अंत मे किया जाता है।
उदाहरण - आप कैसे हो? तुम कहां रहते हो?
इनका प्रयोग संदेह प्रकट करने के लिए भी किया जाता है।जैसे-
क्या,वह निष्ठावान है?
विस्मयसूचक चिन्ह !
विस्मय , शोक घृणा आश्चर्य इत्यादि का बोध कराने के लिए विस्मयसूचक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। जैसे-
हाय!अब में क्या करूं? ओहो!आप कब आए? वाह!क्या दृश्य हैं।
उद्धरण चिन्ह (Inverted Commas) ‘ ‘
किसी अन्य के वाक्यों या शब्दों का जो ज्यो का त्यों प्रयोग करने हेतु दोहरे उद्वरण(“) चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
तुलसीदास जी ने कहा " रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई"।
किसी उपनाम या किसी रचना का नाम अथवा किसी शब्द पर बल देने के लिए इकहरा उद्वरण चिन्ह (‘) का प्रयोग किया जाता है। जैसे
रामधारी सिंह 'दिनकर' । तुलसीकृत 'रामचरितमानस' एक अनुपम कृति है।
योजक चिन्ह –
१. सामासिक पदों / युग्म शब्दों अथवा पुरुक्त शब्दो के बीच-
यश-अपयश ,रात-दिन ,अंश-अंस ,घर-घर आदि।
२. तुलना वाचक शब्दों – ‘सा ,सी, से’ से पहले
जैसे- चांद-सा चेहरा, झील-सी आंखें, फूल-सी मुस्कान इत्यादि।
निर्देशक चिन्ह –
१.किसी संवाद को लिखने के लिए-
रवि - आप कहां रहते हो? मोहन - मैं जवाहर नगर में रहता हूं।
२.किसी प्रकार की सूची के पहले-
सफल होने वाले विद्यार्थी इस प्रकार है - राम ,श्याम ,सीता ,गीता इत्यादि।
कोष्ठक चिन्ह ( )
१. कठिन शब्दों को स्पष्ट करने हेतु-
मेरे वाग्यँत्र (वाणी के साधन) खराब ना हो जाए।
२. नाटक आदि में अभिनय प्रकट करने हेतु –
मेघनाथ (कुछ आगे बढ़कर) लक्ष्मण यदि सामर्थ्य है तो आगे आओ।
३.विषय विभाग सूचक अंको को प्रकट करने हेतु –
जैसे – सर्वनाम के 6 भेद होते हैं
- पुरुषवाचक सर्वनाम
- निश्चयवाचक सर्वनाम
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम
- संबंधवाचक सर्वनाम
- प्रश्नवाचक सर्वनाम
- निजवाचक सर्वनाम
हँसपद (त्रुटिबोधक चिन्ह) ^
कोई वाक्य या वाक्यांश लिखते समय भूलवश कोई शब्द छूट जाता है तो छूटे हुए शब्द के नीचे त्रुटि बोधक अथवा हँसपद सूचक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
जैसे - स्वतंत्रता मेरा ^ जन्मसिद्ध अधिकार है।
रेखांकन चिन्ह _
किसी महत्वपूर्ण शब्द अथवा पद को रेखांकित करने हेतु इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
जैसे – गोदान उपन्यास, मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखा गया।
लाघव चिन्ह °
किसी शब्द का छोटा रूप लिखने के लिए लाघव चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
जैसे – डॉक्टर = डॉ° ,प्रोफेसर = प्रो°
लोप चिन्ह ….
किसी वाक्य में कुछ अंश अथवा पद छोड़कर लिखने हेतु लोप चिन्ह का प्रयोग किया जाता है
जैसे- गांधी जी ने कहा “परीक्षा की घड़ी आ गई है………. हम करेंगे या मरेंगे।
अपूर्ण विराम :
समानाधिकरण उपवाक्यों के बीच।
जैसे – छोटी बात : बड़ी बात।
दहेज : एक कुप्रथा
परमाणु विस्फोट : मानव जाति का भविष्य
विवरण चिन्ह :-
किसी कही हुई बात को स्पष्ट करने हेतु विवरण चिन्ह (:-) का प्रयोग किया जाता है।
जैसे- पुरुषार्थ चार हैं :- धर्म,अर्थ, काम और मोक्ष।
तुल्यता/ समता सूचक चिन्ह =
किसी शब्द का अर्थ बताने या उसकी समान मूल्य या मान बताने हेतु –
जैसे – रवि = सूर्य, 1 रुपया = 100 पैसे
समाप्ति चिन्ह / इतिश्री चिन्ह (…..×…..)
किसी अध्याय या ग्रंथ की समाप्ति पर इस चिन्ह का प्रयोग करते है।
जैसे – …..×….. ,……●…..
विकल्प चिन्ह /
दो में से किसी एक को चुनने के लिए ।
जैसे – जो सदा रहने वाला है – शाश्वत/ सनातन / नित्य।
पुनरुक्ति चिन्ह “
ऊपर लिखी हुई बात का ज्यों का त्यों नीचे लिखने हेतु उस बात के स्थान पर पुनरुक्ति चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
जैसे - मेरे पास पुस्तक है। " " "
Conclusion On विराम चिन्ह क्या है?
तो आज इस आर्टिकल में हमने जाना कि विराम चिन्ह क्या है? विराम चिन्ह कितने प्रकार के होते है? अगर इससे संबंधित कोई सवाल हो तो Comment Box में पूछे और हिंदी व्याकरण की पूरी जानकारी यहाँ से प्राप्त करे और इस आर्टिकल को शेयर जरूर करे।