हिंदी व्याकरण की सीरीज में संज्ञा के बाद आज हम जानेंगे (Sarvanam In Hindi) सर्वनाम क्या है? इसके प्रकार व उदाहरण के बारे में /-
सर्वनाम क्या है? (Sarvanam In Hindi)
भाषा में सुंदरता, संक्षिप्तता एवं पनरुक़्ति दोष से बचने के लिए संज्ञा के स्थान पर जिस शब्द का प्रयोग किया जाता है वह ‘सर्वनाम‘ होता है।
सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ है ‘सब नाम‘। अर्थात् सभी संज्ञाओं के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं।
इससे वाक्य सहज एवं सरल हो जाता है।
जैसे–सीता आज शाला नहीं आई क्योंकि सीता बीमार है। इसके स्थान पर यदि यह कहा जाए ‘सीता आज शाला नहीं आई क्योंकि ‘वह’ बीमार है तो सर्वनाम के प्रयोग से यह वाक्य अधिक सरल एवं सुंदर बन जाएगा।
सर्वनाम की परिभाषा
संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं, जैसे–मैं, तुम, वह, हम, आप, उसका आदि।
सर्वनाम के भेद
सर्वनाम के निम्नलिखित छ: भेद हैं
- पुरुषवाचक
- निश्चयवाचक
- अनिश्चयवाचक
- संबंधवाचक
- प्रश्नवाचक
- निजवाचक
1. पुरुष वाचक सर्वनाम
जिन सर्वनामों का प्रयोग कहने वाले, सुनने वाले व जिसके विषय में कहा जाए , के स्थान पर किया जाता है, उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं /-
- (अ). उत्तम पुरुष
- (ब). मध्यम पुरुष
- (स). अन्य पुरुष
(अ). उत्तम पुरुष
बोलने वाला या लिखनेवाला व्यक्ति अपने लिए जिन सर्वनाम का प्रयोग करता है वे उत्तम पुरुष सर्वनाम कहलाते हैं, जैसे–मैं, हम, हम, सब, हम लोग आदि।
(ब). मध्यम पुरुष
जिसे संबोधित करके कुछ कहा जाए या जिससे बातें की जाए, उनके नाम के बदले में प्रयुक्त होनेवाले सर्वनाम मध्यम पुरुष सर्वनाम कहलाते हैं, जैसे–तू, तुम, आप, आप, लोग, आप सब।
(स). अन्य पुरुष
जिसके बारे में बात की जाए या कुछ लिखा जाए, उनके नाम के बदले में प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम अन्य पुरुष सर्वनाम कहलाते हैं, जैसे–वे, वे लोग, ये, यह, आप।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम
जो सर्वनाम निकटस्थ अथवा दूरस्थ व्यक्ति या पदार्थ की ओर निश्चित संकेत करते हैं, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
इसके मुख्य दो प्रयोग हैं /-
- निकट की वस्तुओं के लिए– यह, ये।
- दूर की वस्तुओं के लिए– वह, वे।
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
जिसे सर्वनाम से किसी ऐसे व्यक्ति या पदार्थ का बोध होता हो जिसके विषय में निश्चित सूचना नहीं मिलती, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं, जैसे–कुछ, कोई। ‘कोई’ सर्वनाम का प्रयोग प्रायः प्राणी वाचक सर्वनाम के लिए होता है, जैसे–कोई उसे बुला रहा है।
‘कुछ’ सर्वनाम का प्रयोग वस्तु के लिए होता है, जैसे–पानी में कुछ है, घी में कुछ मिला है।
4. संबंधवाचक सर्वनाम
दो उपवाक्य के बीच में प्रयुक्त होकर एक उपवाक्य की संज्ञा या सर्वनाम का संबंध दूसरे उपवाक्य के साथ दर्शाने वाला सर्वनाम संबंध वाचक सर्वनाम कहलाता है, जैसे, जो, जिसे, जिसका, जिसको।
जो सोएगा,सो खोएगा। जिसकी लाठी उसकी भैंस। जो सत्य बोलता है, वह नहीं डरता।
इन सर्वनाम का प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए होता है, उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं, जैसे–क्या, किसने, कौन।
वहां दरवाजे पर कौन खड़ा है? कल तुम किससे बात कर रहे थे? आज तुम्हें क्या चाहिए?
6. निजवाचक सर्वनाम
ऐसे सर्वनाम जिसका प्रयोग वक्त या लेखक (स्वयं) अपने लिए करते हैं निजवाचक कहलाते हैं। यथा–आप, अपना, स्वयं, खुद आदि।
जैसे– मैं अपनी पुस्तक पढ़ रहा हूं। आप अपने घर कब जा रहे हैं? इन वाक्यों में ‘अपनी’ तथा ‘अपने’ शब्द निजवाचक सर्वनाम है।
Conclusion On Sarvanam In Hindi
इस आर्टिकल में हमने सर्वनाम के बारे में जाना है और इससे संबंधित आप को कोई समस्या है तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं और हिंदी व्याकरण की संपूर्ण जानकारी के लिए आप और आर्टिकल भी पढ़ सकते है।