आज इस आर्टिकल में हम एक ऐसे अधिनियम की बात करने जा रहे है जिसे आम लोगो का हथियार के रूप में जाना जाता है। हम बात कर रहे है (RTI ACT IN HINDI 2005) सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की।
इस नियम के द्वारा एक आम नागरिक देश के किसी भी सरकारी विभाग की जानकारी मांग सकता है तो इस नियम की जानकारी सभी लोगो को होना अतिआवश्यक है।
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 – RTI ACT IN HINDI 2005
आरटीआई एक्ट 2005 एक प्रकार का कानून है, जिसमें भारत के आम नागरिक को सूचना प्राप्त करने का अधिकार (Right to Information Act) प्राप्त होता है। वे इस कानून के तहत किसी भी सार्वजनिक सरकारी कार्यालय से सूचना प्राप्त कर सकते हैं।
आरटीआई एक्ट 2005 को भारतीय संविधान के आर्टिकल 21 के अंतर्गत शामिल किया गया है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने ईश्वर आयल लिमिटेड बनाम उत्कर्ष हेल्थ समिति के फैसले में इसको शामिल किया।
इसमें कुल 3 अध्याय, 31 धाराएं एवं 2 अनुसूचियां शामिल हैं।
आरटीआई एक्ट का परिचय What is RTI Act In Hindi 2005
आरटीआई एक्ट को 15 जून 2005 को अधिनियमित एवं पूर्ण रूप से 12 अक्टूबर 2005 को सभी धाराओं के साथ इसे लागू किया गया।
आरटीआई एक्ट में सूचना के अधिकार के तहत आम नागरिक द्वारा चाही गई सूचना को सर्वप्रथम प्रथम अपील अधिकारी संबंधित सरकारी कार्यालय में नियुक्त जन सूचना अधिकारी (PIO- Public Information Officer) से 30 दिवस के भीतर सूचना प्राप्त होती है।
अगर नागरिक प्रथम अपील अधिकारी के जवाब से संतुष्ट ना हो तो वह दूसरी अपील 90 दिन के भीतर केंद्रीय सूचना आयोग (CIC- Central Information Commission) में दर्ज करवा सकता है।
अगर निर्धारित दिनों के भीतर संबंधित अधिकारियों द्वारा जवाब प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो आरटीआई एक्ट 2005 के तहत दंड के प्रावधान भी किए गए हैं। यह सूचना उसे साधारण कागज पर प्रिंट आउट कर उपलब्ध करवाई जाती है। आरटीआई के तहत सार्वजनिक एवं सरकारी कार्यालय से सूचना प्राप्त करने के लिए मात्र ₹10 की फीस निर्धारित की गई है।
आरटीआई एक्ट 2005 को लागू करने का उद्देश्य क्या है?
आरटीआई एक्ट से बहुत सारे उद्देश्य जुड़े हुए हैं , जो निम्न है /-
- इस नियम का उद्देश्य आम नागरिक को सरकारी योजनाओं एवं सरकारी कार्यालय के दफ्तरों के कामकाज को जानने के लिए सशक्त बनाना है।
- सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाना।
- सरकारी कामकाज में भ्रष्टाचारी को रोकना।
- सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को जनता के प्रति ज्यादा जवाबदेही बनाना।
- लोकतंत्र की शक्ति को मजबूत बनाना।
- सरकारी कार्यालयों से आम नागरिकों को सुगम एवं सही जानकारी सीमित समय में उपलब्ध कराना
आरटीआई पोर्टल क्या है? आरटीआई पोर्टल से रिक्वेस्ट कैसे भेजी जाए?
यह एक ऑनलाइन पोर्टल है जहाँ से ONLINE RTI FILE की जा सकती है।
- पूरे भारत के लिए लिंक https://rtionline.gov.in/ हैं। यहाँ से केन्द्र के अधीन आने वाले सरकारी विभाग के लिए जानकारी ली जा सकती है।
- राजस्थान आरटीआई के लिए ऑनलाइन लिंक है http://rti.rajasthan.gov.in/ ।
आम जनता को बिना किसी सरकारी कार्यालय में जाए एवं सुगम तरीके से जानकारी प्राप्त हो सके, इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग, मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल , पब्लिक गवर्नेंस एवं पेंशन डिपार्टमेंट ने आरटीआई पोर्टल को शुरू किया है।
राजस्थान में अपने आरटीआई की रिक्वेस्ट डालने के लिए सर्वप्रथम आपको एसएसओ आईडी (SSO ID) से लॉगिन करना होगा एवं उसमें सिटीजन लॉगिन में जाकर आरटीआई पर टिक करना होगा, उसके बाद आप रिक्वेस्ट डाल सकते है एवं आपको आवेदन संख्या प्राप्त हो जाएगी जिससे आप भविष्य में आवेदन की स्थिति जान सकते हैं।
तो दोस्तो आपको यह आर्टिकल RTI ACT IN HINDI 2005 कैसा लगा। हमे कमेंट करके ज़रूर बताये और कोई सवाल हो तो comment box में ज़रूर पूछे।