आज इस आर्टिकल में हम हिंदी व्याकरण के “हिंदी मुहावरे और लोकोक्तियाँ” के बारे में अध्ययन करेंगे।इसमे हम “मुहावरे व लोकोक्ति की परिभाषा ,इनके उदाहरण ,अर्थ और वाक्य व इनकी विशेषता” के बारे में जानेंगे।
और यदि आप इन दोनों को एक ही मानते है तो “हिंदी मुहावरे व लोकोक्ति में अंतर” भी आपको इस आर्टिकल में स्प्ष्ट हो जाएगा।
हिंदी मुहावरे और लोकोक्तियाँ
मुहावरा
‘मुहावरा’ ‘अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ- ‘अभ्यास /बातचीत होता है।
मुहावरे की परिभाषा
जो वाक्यांश अपने मूल अर्थ को छोड़कर किसी विशिष्ट अर्थ में प्रयुक्त हो जाते हैं, मुहावरे कहलाते है।
मुहावरे के उदाहरण
आँख बिछाना – प्रेम से स्वागत करने की प्रतीक्षा करना।
नौ दो ग्यारह होना- भाग जाना
मुहावरे की विशेषताएँ
- ये वाक्य या उपवाक्य न होकर वाक्यांश होते है।
- इनका शाब्दिक अर्थ न होकर सांकेतिक अर्थ होता है।
- ये अपना अर्थ प्रकट करने के लिए किसी वाक्य पर निर्भर करते हैं।
- मुहावरों में प्रयुक्त शब्दों के स्थान पर पर्यायवाची शब्द प्रयोग नहीं किए जा सकते है।
- मुहावरों के अन्त में प्राय: ‘ना’ जुड़ा रहता है।
महत्वपूर्ण मुहावरे और अर्थ
- आँसू पोंछना – धीरज देना
- आक की बुढ़िया – बहुत बूढ़ी स्त्री जिसके आक की रुई या रेशें के समान सफेद बाल हो गए हो।
- आकाश से बातें करना – बहुत ऊँचा होना।
- हवा से बातें करना – बहुत तेज दौड़ना
- आफत का मारा – बहुत दुःखी व्यक्ति
- आँसू पी जाना – भीतर ही भीतर रोना
- आसू पीकर रह जाना – अति शोक में चुप रहना
- आँधी के आम होना – बहुत सस्ती वस्तु होना
- आकाश के तारे तोड़ना – असम्भव कार्य करना
- आँखों में खून उतरना – बहुत क्रुद्ध होना
- इंद्र की परी – बहुत सुन्दर स्त्री
- ईंट से ईंट बजाना – नष्ट भ्रष्ट कर देना / सर्वनाश करना
- ईमान बेचना – बेईमानी करना / झूठा व्यवहार करना
- उल्टी गंगा बहाना – विपरीत कार्य करना
- उड़ती चिड़िया पहचानना – बहुत अनुभवी होना
- उठा न रखना- कोई कमी नहीं छोड़ना
- उड़न छू होना – गायब हो जाना
- उंगली पर नचाना – पूरी तरह से वश में करना
- ऊँट के मुँह में जीरा- बहुत ही कम वस्तु।
- अच्छे दिन आना – भाग्य खुलना
- अलाउद्दीन का चिराग – आश्चर्यजनक वस्तु
- अरमान निकालना- मनोरथ पूरा करना
- आँखें चार होना – आमना-सामना होना
- कागज काले करना – व्यर्थ लिखना
- कड़वे घूँट पीना – कष्टदायक बात सहन करना।
- किनारे बैठना – अलग होना
- कोल्हू का बैल होना – निरंतर कार्य करते रहना।
- काला नाग होना – खोटा आदमी।
- कुएं में भाँग पड़ना – सभी की बुद्धि भ्रष्ट होना
- कागज की नाव होना – अस्थायी वस्तु होना
लोकोक्तियाँ (Lokokti)
लोकोक्ति का शाब्दिक अर्थ होता है – लोक + उक्ति।
जहाँ लोक = संसार व उक्ति = कहावत है। अर्थात संसार में प्रचलित कहावत।
लोकोक्ति की परिभाषा
लोक व्यवहार में प्रचलित वह उक्ति, जो वर्षों के अनुभव के द्वारा एक वाक्य में प्रयोग की जाती है, लोकोक्ति या कहावत कहलाती है।
जैसे- काला अक्षर भैंस बराबर !
काठ का उल्लू – निपट मूर्ख
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली – विपरीत लोगों का होना।
लोकोक्ति की महत्वपूर्ण विशेषताएँ
- लोकोकि पूर्ण वाक्य या उपवाक्य होती है।
- इनका स्वतंत्र अस्तित्व होता है, ये किसी वाक्य पर आश्रित नहीं होती है।
- लोकोक्ति में क्रिया का होना या ना होना आवश्यक नहीं।
- लोकोक्ति का कभी सामान्य अर्थ और कभी सांकेतिक अर्थ होता है। कभी
- लोकोक्ति का वाक्यों के साथ प्रयोग करते समय किसी अन्य अर्थ के परिवर्तन की अनिवार्यता नहीं होती अर्थात् ज्यों का त्यों अर्थ में भी प्रयोग किया जा सकता है।
महत्वपूर्ण लोकोक्तियाँ और अर्थ
- अंधों में काना राजा – गुणहीन व्यक्तियों में कम गुण वाला व्यक्ति राजा माना जाता है।
- अंधी पीसे कुत्ता खाए- कमाए कोई खाए कोई।
- अकेली मछली सारा तालाब गंदा कर देती है– एक दुष्ट व्यक्ति पूरे समाज को बदनाम कर देता है।
- अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है। – स्वयं के घर निर्बल भी बलवान होता है।
- अपनी करनी पार उतरनी – मनुष्य को अपने कर्मों के अनुसार ही फल मिलता है।
- एक पंथ दो काज – दोहरा लाभ
- एक अकेला दो ग्यारह – संगठन में शक्ति होती है।
- जैसे नागनाथ वैसे साँपनाथ – दोनों समान दुष्ट प्रवृत्ति के होना
- जैसा देश वैसा भेष – जहाँ रहो वहाँ के रिवाज़ के अनुसार रहो
- जाके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पर पराई – जिसने दुःख नहीं देखा वह दुःखी व्यक्ति का कष्ट नहीं समझ सकता।
- जंगल में मोर नाचा किसने देखा – सराहना के बिना योग्यता का व्यर्थ हो जाना।
- चौबे जी छब्बे जी बनने गए दुबे जी रह गए – लाभ के स्थान पर हानि होना।
- कोयले की दलाली में मुँह काला- बुरे के साथ रहने से बुराई ही मिलती है।
- काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती – चालाकी से एक बार ही काम निकलता है।
- ओछे की प्रीतिः बालू की भीति – दुष्ट व्यक्ति का प्रेम अस्थिर होता है।
- कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली – दो व्यक्तियों की स्थिति में अंतर होना
- धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का – अस्थिरता के कारण कहीं का न रहना।
- खरी मजूरी, चौखा काम – तुरन्त मजदूरी मिलने पर कार्य भी अच्छा होता है।
- दुबिधा में दोनों गए, माया मिली न राम – अनिश्चय की स्थिति में करने पर सफलता नहीं मिलती।
- हाथी के पाँव में सबका पाँव – एक बड़ा प्रयास सभी छोटे प्रयासों के बराबर होता है।
- हाथी निकल गया, दुम रह गई – थोड़ा-सा शेष रहना
- नेकी कर कुए में डाल – उपकार करके उसका बखान नहीं करना चाहिए।
- सहज पके सो मीठा होय – धीरे-धीरे कार्य में लगे रहने से परिणाम अच्छा मिलता है।
Conclusion Of हिंदी मुहावरे और लोकोक्तियाँ
आज इस आर्टिकल में हमने महत्वपूर्ण मुहावरे व लोकोक्ति के उदाहरण के साथ आपको “हिंदी मुहावरे और लोकोक्तियाँ” के बारे में समझाने का प्रयास किया है।आशा करता हु यह पोस्ट आपको किसी एग्जाम या आपके विषय मे जानकारी को बढ़ाने में मदद अवश्य करेगी।
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