अगर आप जानना चाहते है कि “डिस्टेंस लर्निंग से ग्रेजुएशन कैसे करें? (Distance Learning Se Graduation Kaise kare?)” तो आप बिलकुल सही पोस्ट पर है।इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद “डिस्टेंस लर्निंग (Distance Learning In Hindi)” से जुड़ी बहुत सी शंकाए दूर हो जाएगी।
इस आर्टिकल में हम “Distance Learning क्या है? डिस्टेंस लर्निंग से ग्रेजुएशन कैसे करें? डिस्टेंस लर्निंग के फायदे क्या है? डिस्टेंस लर्निंग कोनसी यूनिवर्सिटी से कर सकते है? और डिस्टेंस लर्निंग से कोनसे कोर्स कर सकते है? कि जानकारी इस आर्टिकल में देंगे।
डिस्टेंस लर्निंग क्या है? What is Distance Learning In Hindi?
डिस्टेंस लर्निंग को दूरस्थ शिक्षा के नाम से भी जाना जाता है।
डिस्टेंस लर्निंग शिक्षण का एक ऐसा तरीका है जिसके तहत कोई भी व्यक्ति घर पर रहकर अपनी शिक्षा पूर्ण कर सकता है।
इस प्रोग्राम में Apply करने के बाद Books को पढने के लिए विद्यार्थियों के घर पर डाक द्वारा भेज दी जाती है और कई यूनिवर्सिटी द्वारा Online Learning Tutorial भी उपलब्ध करवाये जाते है।
इसी के साथ इसमे Assessment बनाके भेजने होते है और अंत मे साल भर का पाठ्यक्रम अवधि पूर्ण होने पर Open University की परीक्षा देनी होती है।
डिस्टेंस लर्निंग के लिए आप School पूरा करना ज़रूरी है। इसके बाद स्नातक या स्नातकोत्तर की डिग्री डिस्टेंस लर्निंग के द्वारा ले सकते है।
डिस्टेंस लर्निंग से ग्रेजुएशन कैसे करें?
डिस्टेंस लर्निंग से ग्रेजुएशन करने के लिए आपके पास किसी बोर्ड द्वारा 12th pass डिग्री होनी चाहिए।
इसके बाद आपको अपने आस-पास के कॉलेज का पता करना चाहिये जो Distance learning की सुविधा प्रदान करते है।
यह पता करने के बाद आप अपनी आवश्यकता के Course के लिए Distance Learning के लिए Online Website की मदद से Apply कर सकते है।
डिस्टेंस लर्निंग में कोन कोनसे कोर्स कर सकते है?
डिस्टेंस लर्निंग के तहत ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन से संबंधित बहुत सारे कोर्सेज किये जा सकते है जिनमे BA, BSC, B.COM , MSC ,MA व बीएड जैसे प्रॉफेशनल कोर्स भी कर सकते है।
डिस्टेंस लर्निंग से ग्रेजुएशन करने के लिए टॉप-10 यूनिवर्सिटी
भारत में डिस्टेंस लर्निंग के 111 संस्थान मौजूद है, लेकिन हम उनमे से कुछ ही यूनिवर्सिटी के बारे में बात करने वाले हैं।
1. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU)
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना सितम्बर 1985 में की गई थी और इसका मुख्य कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- सिम्बायोसिस सेंटर फॉर डिस्टेंस लर्निंग
- यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी (YCMOU)
- महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी
- स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (दिल्ली विश्वविद्यालय)
- नेताजी सुभाष ओपन यूनिवर्सिटी
- मध्य प्रदेश भोज ओपन यूनिवर्सिटी
- कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी
- डॉ. भीम राव अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी
- तमिलनाडु ओपन यूनिवर्सिटी
अगर आप राजस्थान से है तो “वर्द्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी (VMOU)” से भी दूरस्थ शिक्षा का फायदा ले सकते है।
डिस्टेंस लर्निंग से किये जाने वाले कोर्स की सूची
- बैचलर ऑफ़ लॉ (Bachelor of Law)
- बैचलर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन (Bachelor of Computer Application)
- मास्टर ऑफ़ कॉमर्स (Master of Commmerce)
- बैचलर ऑफ़ एजुकेशन (Bachelor of Education)
- ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (Human Resource management)
- मास्टर ऑफ़ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (Master of Business Administration)
- बैचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन (Bachelor of Journalism and Mass Communication)
- मास्टर ऑफ़ साइंस इन एप्लाइड साइकोलॉजी (Master of Science in Applied Psychology)
- हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट स्टडीज (Hospitality Management Studies)
- बैचलर ऑफ़ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (Bachelor of Business Administration)
- बैचलर ऑफ आर्ट्स (Bachelor of Arts)
- बैचलर ऑफ साइंस (Bachelor of Science)
- बैचलर ऑफ कॉमर्स (Bachelor of Commerce)
दूरस्थ शिक्षा के फायदे व नुकसान
डिस्टेंस लर्निंग के फायदे
- डिस्टेंस लर्निंग के तहत नोकरीपेशा लोग व समय की कमी के कारण पढ़ाई पूरी न कर पाने वाले सभी व्यक्ति आसानी से घर पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते है।
- इसमे समय की बचत होती है।
- डिस्टेंस लर्निंग में खर्च काफी कम होता है और पढ़ाई काफी किफायती होती है। अतः पढ़ाई पर अतिरिक्त बचत करने का भी सही तरीका है।
- यह सुविधाजनक शिक्षा प्रदान करती है और शिक्षा को आसानी से घर बैठे गहराई से समझने में मदद करती है।
डिस्टेंस लर्निंग के नुकसान
- डिस्टेंस एजुकेशन में सामाजिक संपर्क का अभाव होता है।इसमे घर पर रहकर पढने से लोगो से मिलने झुलने का अवसर कम मिलता है।
- डिस्टेंस एजुकेशन में भटकने का हमेशा डर रहता है क्योकि इसमे किसी का कोई दबाव नही होता इसीलिए इसमे स्वानुशासन की ज़रूरत पड़ती है।
- डिस्टेंस एजुकेशन में टेक्नोलॉजी के द्वारा पढ़ाई होती है।अतः टेक्नोलॉजी से जुड़ी समझ की कमी आपको नुकसान पहुँचाती है।
- डिस्टेंस एजुकेशन में उचित मूल्यांकन की कमी जैसी चुनौतियां डिग्री की विश्वसनीयता को संदिग्ध बनाती हैं।
- जहां ऑनलाइन कार्यक्रमों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, वहीं दूसरी तरफ घोटालेबाजों की संख्या भी बढ़ रही है जिससे यह संभावित है कि कई लोगों के बीच डिस्टेंस एजुकेशन डिग्री की विश्वसनीयता संदिग्ध हो।
तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से समझ आ गया होगा कि “डिस्टेंस लर्निंग से ग्रेजुएशन कैसे करें? (Distance Learning Se Graduation Kaise kare?) और इसके फायदे व नुकसान क्या है?”