Computer Virus In Hindi – कंप्यूटर और मोबाइल खरीदने के बाद हमें इन्हें सुचारू रूप से काम करते रहे इसके लिए आवश्यक है कि कई चीजों को ध्यान में रखना चाहिए जिससे आने वाले समय में हमें कोई परेशानी ना हो।Computer व Digital उपकरण के लिए एक बड़ी परेशानी Virus की वजह से भी आपको उठानी पड़ सकती है।इसलिए हमें कंप्यूटर वायरस के बारे में सारी इनफार्मेशन होना बहुत जरूरी है।
कंप्यूटर वायरस आपके कंप्यूटर को खराब ही नहीं बल्कि सारे डाक्यूमेंट्स व डेटा को नष्ट कर सकती है जिससे आपको भविष्य में काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है तो आप “कंप्यूटर वायरस क्या है? ( Computer Virus In Hindi ) कंप्यूटर वायरस के प्रकार व इससे बचने के लिए उपाय” के बारे में इस आर्टिकल में जानते हैं।
कंप्यूटर वायरस क्या है? {Computer Virus in Hindi}
Computer Virus भी एक प्रोग्राम होता है जो कि एक प्रोग्रामर के द्वारा बनाया जाता है,इसके Computer में प्रवेश करने पर Computer Data को Corrupt कर देता है।
Computer वायरस मानव द्वारा निर्मित होता है यह कंप्यूटर में सीडी, डीवीडी,पेन ड्राइव, ई–मेल, गेम और इंटरनेट फाइल आदि के माध्यम से कंप्यूटर में प्रवेश करते हैं।
Computer Virus आपके लैपटॉप /Pc को नुकसान पहुंचाता है और यह वायरस आपके लैपटॉप को वर्क करने से रोकती है। जैसे – आपने किसी को फाइल Send की है , वह फाइल बीच में ही Failed हो जाएगी।इसके अलावा भी इस वायरस से बहुत नुकसान है
यह वायरस अनुपयोगी है इसका कंप्यूटर में कोई उपयोग नहीं है।आपके सारे प्रोग्राम को खराब करता है।सारी डिटेल्स को नष्ट कर देता है और हम हमारे कंप्यूटर को जितना बूट करेंगे यह वायरस हमारे कंप्यूटर में उतना ही फैलता जाएगा और यह वायरस मानव द्वारा निर्मित होता है जो इंटरनेट द्वारा विभिन्न कंप्यूटरों की मेमोरी में प्रवेश कर उसे नष्ट करने का कार्य करते हैं।
कंप्यूटर वायरस के प्रकार (Types Of Computer Virus In Hindi)
1.बूट सेक्टर वायरस (Boot Sector Virus)
इस प्रकार के वायरस आपके हार्डडिस्क में पहुंचकर कंप्यूटर या लैपटॉप को नुकसान पहुंचाते हैं।यह वायरस कंप्यूटर को स्टार्ट करने से रोकते हैं। यह वायरस कंप्यूटर में जब भी ऑपरेटिंग सिस्टम कार्य करता हैं तो अन्य संयंत्रों में बाधा डालने का काम करता है!
2. फाइल वायरस (File Virus)
यह वायरस कंप्यूटर में जो फाइल रहती है उनको नुकसान पहुंचाता है यह exe फाइलों को भी नुकसान पहुंचाता है।उन्हें फाइल वायरस कहा जाता है।
3. ओवर-राइट वायरस (Over-Write Virus)
अपने नाम के अनुसार यह वायरस फाइल के ओरिजनल नाम को अपने नाम से OverWrite कर देता है अर्थात उसका File Format को बदल देता है।
4. मैक्रो वायरस(Macro Virus)
मैक्रो वायरस वो वायरस होते है जो किसी मैक्रो भाषा (Macro Language) में लिखे जाते है, जैसे कि Visual Basic, जो Microsoft Word या Exel में प्रयुक्त होती है। यह Comupter के निश्चित प्रोग्राम को प्रभावित करता है और उनकी गति (speed) को कम कर देता है।
5.पार्टिशन टेबल वायरस (Partition Table Virus)
इस प्रकार वायरस कंप्यूटर हार्ड डिस्क में पहुंचकर उसकी विभाजन तालिका को नुकसान पहुंचाते है। यह वायरस कंप्यूटर मैं जो मेन डाटा होता है उसको नुकसान नहीं पहुंचाता है यह वायरस हार्ड डिक्स के मास्टर बूट रिकॉर्ड को प्रभावित करने का कार्य करता है।यह निम्न प्रकार है
- यह वायरस कंप्यूटर की रैम क्षमता को कम करने का कार्य करता है।
- डिस्क के इनपुट आउटपुट के नियंत्रण प्रोग्राम में प्रॉब्लम क्रिएट करता है
6. गुप्त वायरस (Stealth Virus)
गुप्त वायरस अपने नाम के अनुसार उपयोगकर्ता से अपनी पहचान छुपाने का हर संभव प्रयास करता है और अपनी पहचान छुपाते हुए User का डाटा इसके द्वारा करप्ट कर दिया जाता है।
वार्म क्या है? (What is Worm in Hindi)
वार्म से आशय ऐसे प्रोग्राम से है जो चालू ऑपरेटिंग सिस्टम के दायरे से बाहर भी स्वयं को फैलाने में सक्षम हो।
यह ईमेल अथवा कंप्यूटर नेटवर्क का प्रयोग करते हुए स्वयं की कोपी बनाता जाता है।यह वायरस की भाति ही डेटा को नुकसान पहुंचाने में सक्षम होता है।
इसके लिए वार्म , नेटवर्क पर ऐसी मशीन को सर्च करता है जिस पर सुरक्षा प्रावधानों की कमी हो और उस कमी का प्रयोग करते हुए वह उस नेटवर्क कंप्यूटर पर कॉपी हो जाता है।
वह यही कार्य इस नए कंप्यूटर से आगे के अन्य कंप्यूटर के लिए करता जाता है ‘माईडूम’, ‘गोल्डबरग’, ‘मंकी’,’ बैडबॉय’,’डैथ’ तथा ‘आईलवयू’ आदि वार्म के उदाहरण है।
ट्रोजन हॉर्स क्या है? Trojan Horse In Hindi
ट्रोजन हॉर्स ऐसा सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम है जो देखने में तो नुकसानदायक नहीं लगता किंतु कंप्यूटर में आकार डाटा को नुकसान पहुंचाने का कार्य करता है।
यह देखने में ऐसा लगता है जैसे यह हमारे काम का कोई प्रोग्राम है (For Example ScreenSaver)।ऐसे प्रोग्राम को यूजर जब इंस्टॉल करता है तो यह एक्टिवेट हो जाता है।
सामान्यत यह इंटरनेट से डाउनलोड करते समय यूजर के कंप्यूटर पर आ जाता है और अपना कार्य प्रारंभ करने में सक्षम हो जाता है।
वायरस की भांति यह स्वयं की Copy बनाने में सक्षम नहीं होता है।इसिलए यह अपने आप नहीं फेलता है बल्कि अनजाने में हमारी गलती से आ जाता है एवं हमारे कंप्यूटर में आकर हमारा पासवर्ड चुरा सकते हैं और उसे किसी को भेज सकते हैं।
वायरसों से सुरक्षा के उपाय (Precautions For Safety Against viruses)
अगर हमें कंप्यूटर लैपटॉप को वायरस से बचना है तो हमे कुछ महत्वपूर्ण सावधानियो का ध्यान रखना ही पड़ेगा तो जानते हैं । वह सावधानियाँ जिनसे हम हमारे सॉफ्टवेयर में वायरस ना पहुंचे पाए। यह निम्न प्रकार है-
- किसी भी Unknown Source की CD, Pendrive ,यूएसबी आदि चीजों को उपयोग में ना लें इससे आपके कंप्यूटर में वायरस आने की संभावना बढ़ जाती है।
- अगर किसी बाहरी पेन-ड्राइव , यूएसबी , सीडी , डीवीडी अन्य प्रकार की चीजें अगर आप यूज़ लेना चाहते हो तो सबसे पहले उन्हें एंटीवायरस सॉफ्टवेयर से स्कैन कर ले। इन चीजों का उपयोग तभी ले जब उनमें वायरस ना हो
- अपने कंप्यूटर में कोई भी सॉफ्टवेयर चोरी किया हुआ अर्थात पाइरेटेड नहीं होना चाहिए। अगर आप Pairated Software उपयोग में लेते है तो आपके कंप्यूटर में आसानी से वायरस आ सकता है।जैसे संगीत, सीडी, गेम वायरस फैलाने के मुख्य साधन है।
- आजकल न्यू जेनरेशन मैं वायरस कहीं तरीकों से फैलता है। जैसे कि Corrupt फाइल को ई–मेल से भेजना , अतः अनवांछित ईमेल व लिंक open करने से बचे।
- अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में एक अच्छा एंटीवायरस रखें जो आपके सॉफ्टवेयर में वायरस फैलने से रोके और एंटीवायरस को समय-समय पर अपडेट करते रहें जिससे वायरस नहीं फेलेगा।
- अपनी जो पर्सनल Data Files का समय-समय पर Backup लेकर रखना चाहिए अगर उसने कभी वायरस जैसा आपके लैपटॉप में आ गया और सारे डॉक्यूमेंट चले गए तो कम से कम आपको सारा डाटा सुरक्षित मिल जाएगा।
वायरस को खत्म करने का तरीका? Ways To Eliminate Computer Virus In Hindi
कंप्यूटर वायरस से सुरक्षा हेतु या उसे खत्म करने के लिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है।एंटीवायरस सॉफ्टवेयर , वायरस के साथ-साथ वार्म, ट्रोजन हार्सेज से भी कंप्यूटर की रक्षा करते हैं।
एक एंटीवायरस किसी भी वायरस को समाप्त करने के पहले उसे पहचानने तो ढूंढने का कार्य करता है जिसके सामान्यत: दो तरीके होते है।
हुरिस्टिक एल्गोरिद्म (Huristic Alogrithm) का प्रयोग कर
इस तरीके का इस्तेमाल अत्यंत गंभीर किस्म के वायरस संक्रमण में होता है। इस तरीके में वायरस को हटाने के लिए हार्ड डिक्स को फिर से फॉर्मेट (Format) करना पड़ता है। इसके तहत एंटीवायरस सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के क्षतिग्रस्त प्रोग्राम को रिपेयर करने की भी कोशिश करता है।
यदि एंटीवायरस सॉफ्टवेयर उस वायरस को समाप्त नहीं कर पाता है तो वह उस संक्रमित प्रोग्राम को अन्य प्रोग्राम से अलग कर देता है इस प्रक्रिया को ‘क्वारेनटीन्स’ कहते है
वायरस सिग्नेचर अथवा डेफिनेशन ( Virus Signature And Defination ) के प्रयोग द्वारा
इसके तहत वायरस सिग्नेचर के आधार पर वायरस की पहचान की जाती है जिसे वायरस डेफिनेशन भी कहते हैं परंतु इसके लिए यह जरूरी है कि एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की सिग्नेचर फाइलों को अपडेट किया जाता रहे।
Conclusion:- इस पोस्ट में हमने जाना कि ” Computer Virus In Hindi वायरस क्या है? वायरस के कितने प्रकार होता है? और कंप्यूटर वायरस से कैसे बचा जा सकता है? ” अगर आपको पोस्ट पसंद आई है जैसे सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें और अगर आपको कोई क्वेश्चन है तो उसे कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें।