आज इस आर्टिकल में हम हिंदी व्याकरण के Topic विशेषण के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि विशेषण किसे कहते है? विशेषण के कितने प्रकार होते है? अर्थातः विशेषण – परिभाषा ,भेद, उदाहरण (Visheshan In Hindi ) की पूरी जानकारी
विशेषण
संज्ञा एवं सर्वनाम की विशेषता बतलाने वाला शब्द ही विशेषण कहलाता है।
विशेषण के प्रयोग से व्यक्ति, वस्तु या यथार्थ स्वरूप तो प्रकट होता ही है , साथ ही भाषा की प्रभावशीलता भी बढ़ जाती है।
विशेषण की परिभाषा
ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं ,विशेषण कहलाते हैं।
विशेषण जिस शब्द की विशेषता बतलाता है, वह शब्द ‘विशेष्य’ कहलाता है, जैसे- नीला आकाश, छोटी पुस्तक एवं भला व्यक्ति में नीला, छोटी एवं भला शब्द विशेषण है तथा आकाश, पुस्तक एवं व्यक्ति विशेष्य हैं।
विशेषण के प्रकार
विशेषण पांच प्रकार के होते हैं /-
ऐसे शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रूप, रंग, आकार, स्वभाव अथवा दशा का बोध कराते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे पुराना कमीज, काला कुत्ता, मीठा आम आदि।
संख्यावाचक विशेषण
ऐसे शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित या अनिश्चित संख्या, क्रम या गणना का बोध कराते हैं, वे संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
यह दो प्रकार के होते हैं-
1. निश्चित संख्यावाचक:- जैसे- एक, दूसरा, तीनों, चौगुना आदि
2.अनिश्चय संख्यावाचक :- जैसे- कई, कुछ, बहुत, सब आदि।
परिणामवाचक विशेषण
ऐसे शब्द जो किसी वस्तु, पदार्थ या जगह की मात्रा, तोल या माप का बोध कराते हैं, वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
इसके दो उपभेद हैं-
- निश्चित परिमाणवाचक– जैसे दो लीटर, 5 किलो एवं 3 मीटर आदि।
- अनिश्चित परिमाणवाचक– जैसे थोड़ा, बहुत, कम, ज्यादा आदि।
संकेतवाचक विशेषण
ऐसे शब्द जो सर्वनाम है किंतु वाक्य में विशेषण के रूप में प्रयुक्त हो रहे हैं अर्थात् संज्ञा की विशेषता प्रकट कर रहे हैं, वे संकेतवाचक विशेषण कहलाते हैं।
चुंकि मूल रूप में ये सर्वनाम हे इसलिए ये विशेषण ‘सार्वनामिक विशेषण’ भी कहलाते हैं।
जैसे- इस गेंद को मत फेंको। उस पुस्तक को पढ़ो। कोई सज्जन आए हैं।
इन वाक्यों में इस, उस तथा कोई शब्द सार्वनामिक अथवा संकेतवाचक विशेषण है।
व्यक्तिवाचक विशेषण
ऐसे शब्द जो मूल रुप से व्यक्तिवाचक संज्ञा है किंतु वाक्य में विशेषण का कार्य कर रहे हैं उन्हें व्यक्तिवाचक विशेषण कहते हैं यद्यपि ये स्वयं संज्ञा शब्द है किंतु वाक्यों में अन्य संज्ञा शब्द की ही विशेषता बता रहे हैं, जैसे-बनारसी साड़ी, कश्मीरी सेब, बीकानेरी भुजिया आदि।
इनमें बनारसी, कश्मीरी एवं बीकानेरी ऐसे ही संज्ञा शब्द है जो यहां विशेषण के रुप में प्रयुक्त हुए हैं।
विशेषण की रचना
कुछ शब्द मूल रूप में विशेषण ही होते हैं किंतु कुछ संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया या अव्यय शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़कर विशेषण बनाए जाते हैं, जैसे-
संज्ञा से विशेषण की रचना
संज्ञा + प्रत्यय = विशेषण रंग + ईन = रंगीन राष्ट्र + ईय = राष्ट्रीय स्वर्ण + इम = स्वर्णिम
सर्वनाम से विशेषण की रचना
मैं + एरा = मेरा तुम + हरा = तुम्हारा
क्रिया से विशेषण की रचना
वंदन + ईय = वंदनीय लूट + एरा = लूटेरा झगड़ + आलू = झगडा़लू
अव्यय से विशेषण की रचना
बाहर + ई = बाहरी पीछे + ला = पिछला
तो आपने जाना कि विशेषण किसे कहते है? विशेषण के कितने प्रकार होते है? अर्थातः विशेषण – परिभाषा ,भेद, उदाहरण अगर इससे जुड़ा कोई सवाल आपके मन मे हो तो comment box में पूछे और आर्टिकल को शेयर करना न भूले।