आज इस आर्टिकल में हम “वाक्य – वाक्य की परिभाषा,प्रकार , भेद और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण ” के बारे में विस्तार से जानेंगे।
वाक्य की परिभाषा
सार्थक शब्दों का वह व्यवस्थित समूह जो किसी भाव या विचार को पूरी तरह से व्यक्त करता है, उसे वाक्य कहते हैं।
जैसे - सचिन चाँद की ओर देख रहा है।
वाक्य के अंग / अवयव
वाक्य के दो अंग / अवयव होते हैं।
- उद्देश्य
- विधेय
उद्देश्य
वाक्य में उद्देश्य के विषय जिस विषय या वस्तु के बारे में बताया जाता है उसे उद्देश्य कहते हैं।
इसे कर्ता भी कहा जाता है। कर्ता का विशेषण उद्देश्य का विस्तार कहलाता है।
विधेय
वाक्य में उद्देश्य के विषय में जो कुछ भी बताया जाता है, उसे विधेय कहते हैं।इसे क्रिया भी कहा जाता है।
कर्ता और क्रिया के मध्य का भाग विधेय का विस्तार कहलाता है।Ex.
मोहन पुस्तक पढ़ता है। मोहन- उद्देश्य पुस्तक - विधेय का विस्तार पढ़ता है - विधेय
जंगल का राजा शेर दहाड़ता है। शेर - उद्देश्य जंगल का राजा - उद्देश्य का विस्तार दहाड़ता है - विधेय
विश्व के महान बल्लेबाज तेन्दुलकर ने एक ओवर में 5 छक्के लगाए। विश्व के महान बल्लेबाज - उद्देश्य का विस्तार तेंदुलकर ने - उद्देश्य एक ओवर में 5 छक्के - विधेय का विस्तार लगाए - विधेय
वाक्य के भेद / प्रकार
रचना के आधार पर वाक्य के प्रकार
रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं।
सरल वाक्य
वह वाक्य जिसमें एक उद्देश्य तथा एक ही विधेय होता है या एक ही क्रिया होती है, उसे सरल वाक्य कहते है।जैसे
मोहन पुस्तक पढ़ता है। पहलवान दूध पीता है। राधा गाना गाती है। रमेश पतङ्ग उड़ाता है। राम व श्याम पुस्तक पढ़ते हैं।
संयुक्त वाक्य
वह वाक्य जिसमें दो वाक्य या उपवाक्य स्वतंत्र रूप से किसी योजक शब्द द्वारा जुड़े होते हैं, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।
संयुक्त वाक्यों में अधिकांशतः और तथा अथवा, या, किन्तु परन्तु, लेकिन आदि योजक शब्दों का प्रयोग होता है।
गणेश बुद्धिमान है परन्तु ईमानदार नहीं। हम आए और तुम चल दिए। उसने मेरा गाना सुना और घर देखा। वह सिलाई सीखती है और अंग्रेजी पढ़ती है।
मिश्रित वाक्य
वह वाक्य जिसमें पहला वाक्य प्रधान हो और दूसरा वाक्य उस पर आश्रित या उसका कारण रहा हो, उसे मिश्रित वाक्य कहते हैं।
मैं प्रसन्न हूँ कि आपका चयन आर ए एस में हो गया । यदि मैं पढ़ता तो आज मेरी यह दुर्दशा नहीं होती। यदि बरसात अच्छी होगी तो फसल भी अच्छी होगी। यदि छात्र पढ़ते तो आर ए एस. में भी चयन हो जाता।
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
अर्थ के आधार पर वाक्य के 8 भेद होते हैं।
विधान वाचक
इसमें किसी कार्य का करना या होना पाया जाता है।
eg. मोहन पुस्तक पढ़ता है। हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है।
निषेधवाचक
इसमें नकारात्मक वाक्यों का प्रयोग होता है।
रमेश विद्यालय नहीं जाता है। माताजी खाना नहीं बना रही है।
इसमें किसी कार्य को करने की आज्ञा या आदेश दिया जाता है।
राशन की दुकान से 2 किलो चीनी लाओ। तुम अपना पाठ याद करो ।
इसमें प्रश्नवाचक वाक्यों का प्रयोग होता है।इसमे वाक्य के अन्त में प्रश्नवाचक चिह्न (?) लगाया जाता है।
मोहन कहाँ जा रहा है ? बाहर कौन खड़ा है ?
विस्मयादिवाचक
इसमें आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा आदि भावों को व्यक्त किया जाता है।
शाबाश बेटा! मुझे तुमसे यही उम्मीद थी। छिः छिः!आप इतना गन्दा पानी पीते हैं।
इच्छावाचक
इसमें किसी कार्य के पूरा होने की इच्छा व्यक्त की जाती है।
आपका दिन मङ्गलमय हो। भगवान करे आपका आर ए एस में चयन हो जाए।
संदेहवाचक
इसमें किसी कार्य के होने पर सन्देह व्यक्त किया जाता है।
हो सकता है मेरा भी आर. ए. एस. मैं चयन हो जाए। हो सकता है इस बार आइ.पी. एल. का खिताब राजस्थान रॉयल्स जीत जाए।
संकेतवाचक / हेतुवाचक
इसमें किसी कार्य के होने का कारण भी व्यक्त किया जाता है। यदि छात्र पढ़ेगे तो आर ए एस में भी चयन हो जाएगा। यदि बरसात अच्छी होगी तो फसल भी अच्छी होगी।
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