वचन किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद उदाहरण और वचन परिवर्तन के नियम
आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि ‘वचन किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद उदाहरण और वचन परिवर्तन के नियम’। इन नियम की मदद से आप किसी भी शब्द का वचन परिवर्तन आसानी से कर पाएंगे और वचन बदलने में आपकी हेल्प करेंगे।
वचन किसे कहते हैं? परिभाषा
संज्ञा के जिस रूप के द्वारा उसकी एक या एक से अधिक संख्या का बोध हो, वचन कहलाता है।
उदाहरण - बच्चा(एकवचन) -बच्चें (बहुवचन)
वचन के भेद
वचन दो प्रकार के होते हैं।
- एकवचन
- बहुवचन
एकवचन
संज्ञा के जिस रूप के द्वारा एक संख्या के होने का बोध होता है,वह एकवचन कहलाता है।
जैसे- पुस्तक ,तोता, लकड़ी, पेंसिल, गाय, बकरी इत्यादि।
बहुवचन
संज्ञा के जिस रूप के द्वारा दो या दो से अधिक संख्याओं का बोध हो तो बहुवचन कहलाता है।
जैसे - पुस्तके, तोते, लड़कियां, पेंसिले, गायें,बकरियां इत्यादि।
सदैव एकवचन में प्रयुक्त शब्द
सोना, चांदी,चाय, घी, जनता, करुणा, दया, घृणा, कृपा, खटास, मिठास इत्यादि।
Note:- भाववाचक संज्ञा के सभी शब्द एकवचन में प्रयुक्त होते हैं।
सदैव बहुवचन में प्रयुक्त शब्द
अक्षत,आँसू ,हस्ताक्षर, रोम , बाल, समाचार, ताश, दाम, प्राण, हाल-चाल, भाग्य, दर्शन, लोग इत्यादि।
एकवचन के स्थान पर बहुवचन के प्रयोग के नियम
जब किसी व्यक्ति विशेष को आदर दिया जाता है तो उस व्यक्ति विशेष के लिए बहुवचन शब्द का प्रयोग किया जाता है।
जैसे- पिताजी आ रहे हैं। माताजी जा रही है।
किसी सत्ता, अधिकार, प्रतिष्ठा व स्वाभिमान प्रदर्शित करने के लिए जिस सर्वनाम को प्रयुक्त किया जाता है,वह हमेशा एकवचन के स्थान पर बहुवचन में प्रयुक्त होता है।
जैसे- मैंने कहा ;हमें तो कोई याद ही नहीं करता।
जज ने कहा- यह हमारा अंतिम निर्णय है।
मैं अपने अधिकार को नहीं छोडूंगा।
कई बार एकवचन शब्दों के साथ समूहवाचक शब्द (जन, गण,व्रन्द ,संग, मंडल, दल ) जोड़कर एकवचन से बहुवचन बना दिए जाते हैं।
जैसे- गुरुजन राष्ट्र निर्माण में अपना कर्तव्य निभाते हैं।
विद्यार्थीगण राष्ट्रीय एकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
वचन परिवर्तन के विशेष नियम
अकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में “अ” के स्थान पर “ऐं” जोड़कर बहुवचन बना दिया जाता है
जैसे- कलम- कलमें ,पुस्तक- पुस्तकें , बात- बातें ,किताब - किताबें , आंख - आंखें ,रात-रातें इत्यादि।
“आ” अंत वाले पुल्लिंग शब्दों में “आ” के स्थान पर “ए” जोड़कर एकवचन से बहुवचन बना दिया जाता है।
जैसे- लड़का- लड़के, बच्चा- बच्चे , घोड़ा - घोड़े, पंखा - पंखे, कपड़ा - कपड़े, संतरा- संतरे , गधा - गधे, छाता - छाते, रुपया -रुपये इत्यादि।
शब्दांत ‘आ’ स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में प्रयुक्त ‘आ’ के साथ ‘एँ’ जोड़कर एकवचन से बहुवचन बना दिया जाता है।
जैसे- माता - माताएँ, सभा - सभाएँ , लता - लताएँ , कविता - कविताएँ ,गाथा - गाथाएँ इत्यादि।
‘इ’ या ‘ई’ स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में प्रयुक्त ‘इ’ या ‘ई’ के स्थान पर ‘इयाँ’ जोड़कर एकवचन से बहुवचन बनाते हैं।
जैसे - तिथि - तिथियाँ, लिपि - लिपियाँ ,जाति - जातियाँ, राशि - राशियाँ, रीति- रीतियाँ, गति- गतियाँ, नदी-नदियाँ ,दवाई - दवाइयाँ ,सखी - सखियाँ , मछली - मछलियाँ , लड़की - लड़कियाँ, बकरी - बकरीयाँ इत्यादि।
कुछ अकारांत शब्दों के अंत में अनुनासिक (ँ) जोड़कर एकवचन से बहुवचन बना दिया जाता है ।
जैसे - खटिया - खटियाँ , चिड़िया -चिड़ियाँ ,चुहिया - चुहियाँ ,गुडिया - गुड़ियाँ , बुढ़िया -बुढ़ियाँ।
अनेक शब्दों के साथ ‘जन ,गण, वृन्द, लोग,वर्ग’ जोड़कर एकवचन से बहुवचन बना दिया जाता है।
जैसे - गुरुजन ,अध्यापकगण, छात्रावृन्द ,विद्वानजन ,मजदूरवर्ग , बालकगण ,पाठकवर्ग ,प्रजाजन, गुरुवृन्द इत्यादि।
अकारांत / अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘ओं’ जोड़कर बहुवचन बना दिया जाता है।जैसे
बरस - बरसों ,गरीब - गरीबों ,अमीर ,अमीरों ,धनिक - धनिकों ,अध्यापक - अध्यापकों ,देवता - देवताओं ,राजा- राजाओं ,महीना - महीनों ,खरबूजा - खरबूजों इत्यादि।
तो आज इस आर्टिकल में हमने जाना कि वचन किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद उदाहरण और वचन परिवर्तन के नियम’। आशा करते है कि आपको अच्छे से समझ आया होगा अगर आपका कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में ज़रूर पूछे।